उत्तराखण्ड़ और हिमाचल की त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा धोषित किया जाए-अखिलेन्द्र
लखनऊ 21 जून 2013, आल इण्डि़या पीपुल्स फ्रंट (आइपीएफ) उत्तराखण्ड़ और हिमाचल के निवासियों और यात्रियों पर आई आपदा पर गहरा शोक और दुःख की इस धड़ी में उनके प्रति हार्दिक संवेदना प्रकट करता है। आइपीएफ के राष्ट्रीय संयोजक अखिलेन्द्र प्रताप सिंह ने आज जारी अपने बयान में कहा कि प्रकृति के आक्रोश की यह त्रासदी दिल दहला देने वाली है। यह त्रासदी कारपोरेट विकास की नीति का ही परिणाम है। पर्यावरण को लगातार नुकसान पहुंचाने वाली इस नीति से वहां रहने वाले गरीब और असहाय लोग इस प्रकार की त्रासदी का शिकार हो रहे है। भूमफिया, बिल्ड़रों, कारपोरेट, ठेकेदारों और राजनेताओं व नौकरशाहों के गठजोड़ द्वारा लगातार अपने हितों की पूर्ति के लिए बांध बनाकर नदी के रूख मोड़े जा रहे है और बिना किसी सुरक्षा मानकों की चितां किए हुए होटल और आरामगृहों का निर्माण किया जा रहा है। इसने पर्यावरण सुरक्षा की चितां किए बिना अमीरों के पर्यटन और तीर्थयात्रियों की संख्या को बेहद बढ़ा दिया है। ऐसी त्रासदी को रोकने की तैयारी में कमी के सम्बंध में दो माह पूर्व ही सीएजी ने अपनी रिर्पोट में चेतावनी दी थी पर आपराधिक लापरवाही करते हुए उस पर कोई कार्यवाही नहीं की गयी। इतना ही नहीें दिसम्बर 2007 के बाद आज तक राज्य दैवी आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक तक नहीं की गयी।
उन्होनें ने मांग की है कि इस त्रासदी की व्याप्कता को देखते हुए इसे राष्ट्रीय आपदा धोषित किया जाए और इस आपदा में अभी भी फंसे हुए हजारों देशवासियों के जीवन की रक्षा और उनके पुर्नवास के लिए सभी संसाधनों का उपयोग किया जाए। उन्होनें इस त्ऱासदी की जिम्मेदारी तय करने और इसके लिए दोषियों को भी दण्डि़त करने की मांग की। उन्होनें जोर देकर कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का सम्मान किया जाना चाहिए और बिना पर्यावरण अनुमति के एक भी निर्माण व खनन नहीं होना चाहिए।
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