आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट
कानून विरोधी ताकतों का सरकार पर है कब्जा- अखिलेन्द्र
अखिलेन्द्र बैठे विधानसभा के सामने दस दिवसीय उपवास पर
वाम-जनवादी ताकतों ने दिया समर्थन
लखनऊ 10 जून 2013, जन अधिकार अभियान के तहत उत्तर प्रदेश में कानून के राज (त्नसम व िस्ंू) की स्थापना के लिए आल इण्डिया पीपुल्स फ्रंट (आइपीएफ) के राष्ट्रीय संयोजक का0 अखिलेन्द्र प्रताप सिंह आज एक बजे से विधान सभा के सामने धरना स्थल पर 10 दिवसीय उपवास पर बैठ गए। इस उपवास का समर्थन भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माक्र्सवादी), राष्ट्रीय ओलेमा कौंसिल, सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया), राष्ट्रवादी कम्युनिस्ट पार्टी समेत तमाम वाम-जनवादी ताकतों ने किया। इस उपवास में आइपीएफ नेता ने 18 सूत्री जनता से जुड़े महत्वपूर्ण सवालों को उठाया।
उपवास की शुरूवात करते हुए आइपीएफ के राष्ट्रीय संयोजक अखिलेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि प्रदेश की सरकार पर कानून विरोधी ताकतों का कब्जा है, इस सरकार को माफिया-गुण्ड़ा-अपराधी, अवैध खननकर्ता और बिल्डरों, कारपोरेट घरानों की ताकतें चला रही हैं। प्रदेश में कहीं भी कानून का राज नहीं दिखता। उन्होंने इलाहाबाद और सोनभद्र का उदाहरण देते हुए बताया कि जो कुछ नौकरशाह कानूनसम्मत काम करने की कोशिश भी करते हैं, उन्हें पदों से हटा दिया जाता है। अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाही करने के कारण एक ही दिन में इलाहाबाद के कमीशनर को हटा दिया गया और सोनभद्र में इसकी मुखालफत करने वाले डीएम व वनविभाग अधिकारियों का एक ही दिन तबादला कर दिया गया। प्रदेश में सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना कर सरकार द्वारा कराए जा रहे इस अवैध खनन के खिलाफ हमने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है और हमें उम्मीद है कि अखिलेश सरकार का हाल भी कर्नाटक की येदुरप्पा सरकार की तरह ही होगा। उन्होनें कहा कि प्रदेश में कितनी शर्मनाक हालत है कि किसानों की बात करने वाले मुलायम सिंह की पार्टी की सरकार में किसानों की फसल खरीदनें के लिए सरकार के पास बोरा तक नहीं है। उन्होनें कहा कि नेशनल हाईवे की मौजूदगी में हावड़ा-दिल्ली कारिडोर व लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे और गंगा एक्सप्रेस वे जैसी योजनाओं की कतई जरूरत नही है, इन सड़क योजनाओं का मकसद यातायात के सवाल को हल करना नहीं बल्कि किसानों की उपजाऊ भूमि को छीनकर बिल्डरों, पंूजी घरानों के हवाले करना है जिससे कि वे वहां टाउनशिप और फार्म हाउस बनाकर बेहिसाब मुनाफा कमाएं। उन्होनें कहा कि प्रदेश में बिजली का संकट हो ही नहीं सकता यदि मात्र अनपरा-ओबरा की सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली परियोजनाओं को पूरी क्षमता से चलाया जाए और वहां व्याप्त भ्रष्टाचार और ठेकेदारी प्रथा को खत्म कर दिया जाए। उन्होनें जोर देकर कहा कि प्रदेश में यदि कानून का राज होता और अखिलेश सरकार अपने संवैधानिक दायित्वों का पालन करते हुए निमेष कमीशन की रिर्पोट को समय से विधानसभा के पटल पर एक्शन टेकेन रिर्पोट के साथ रखती तो खालिद की मौत नहीं होती। अभी भी सरकार ने इस मौत औी गिरफ्तारी की सीबीआई से विवेचना नहीं शुरू करायी है। उन्होनें कहा कि प्रदेश में कानून का राज ही विकास और लोकतंत्र की गारंटी कर सकता है।
सीपीएम के राज्य सचिव का0 एस0पी0 कश्यप ने उपवास का समर्थन करते हुए कहा कि का0 अखिलेन्द्र का अनशन जिन सवालों को लेकर है वह प्रदेश की जनता की जिदंगी और जनपक्षधर वैकल्पिक नीतियों के सवाल है इसलिए हमारी पार्टी पूरी ताकत से इस अभियान में शामिल रहेगी। राष्ट्रीय ओलेमा कौंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जनाब आमिर रशादी मदनी ने कहा कि प्रदेश में कम्युनिस्ट, सोशलिस्ट, दलित आंदोलन और मुस्लिम समाज की जनपक्षधर ताकतों द्वारा शुरू हुआ यह अभियान नए जन विकल्प को पैदा करेगा। मुस्लिम महिला पर्सनल ला बोर्ड की अध्यक्ष शाइस्ता अम्बर ने कहा कि प्रदेश में दलित, महिलाओं, अल्पसंख्यकों समेत आम नागरिकों का जीवन सुरक्षित नहीं है।
उपवास पर हुई सभा को पूर्व सासंद इलियास आजमी, नेलोपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरशद खान, राष्ट्रवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव व पूर्वमंत्री का0 कौशल किशोर, सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संदीप पाण्डेय, महामंत्री ओकांर सिंह, आइपीएफ के राष्ट्रीय प्रवक्ता एस. आर. दारापुरी, भागीदारी आंदोलन के भुवननाथ पासवान, पीसी कुरील, पूर्व अध्यक्ष इलाहाबाद विश्वविद्यालय लाल बहादुर सिंह, प्रदेश संयोजक मोहम्मद शोएब, संगठन प्रभारी दिनकर कपूर ने सम्बोधित किया। सभा का संचालन आइपीएफ प्रदेश सहसंयोजक गुलाब चंद गोड़ व अजीत सिंह यादव ने किया।
भवदीय
(दिनकर कपूर)
संगठन प्रभारी आल इण्डिया पीपुल्स फ्रंट(आइपीएफ)उ0 प्र0।
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