Tuesday, 18 June 2013

अपनी घोषणाओं को अमल में लाए सरकार - अखिलेन्द्र :कल जुटेंगें वामपंथी-जनवादी दलों के नेता

अपनी घोषणाओं को अमल में लाए सरकार - अखिलेन्द्र
कल जुटेंगें वामपंथी-जनवादी दलों के नेता
आइपीएफ संयोजक के उपवास का नौवां दिन, कल होगा समापन
लखनऊ 18 जून 2013, प्रदेश में जन अधिकार अभियान के तहत कानून के राज की स्थापना के लिए विधानसभा के सामने आइपीएफ के राष्ट्रीय संयोजक अखिलेन्द्र प्रताप सिंह का दस दिवसीय उपवास आज नौवें दिन में प्रवेश कर गया कल इस उपवास का समापन होगा। इस अवसर पर सीपीआईएम राज्य सचिव, सीपीआई राज्य सचिव, राष्ट्रीय ओलेमा कौंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष, राष्ट्रवादी कम्युनिस्ट पार्टी, सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया), भारतीय किसान यूनियन समेत वाम-जनवादी संगठनों व नागरिक आंदोलनों के नेतागण शिरकत करेंगें।
आज नौवें दिन सोनभद्र व चंदौली से सैकड़ों की संख्या में आदिवासी और ठेका मजदूर उपवास स्थल पर पहुंचे इस अवसर पर आयोजित सभा को सम्बोधित करते हुए आइपीएफ के राष्ट्रीय संयोजक अखिलेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि प्रदेश में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना करतें हुए आम नागरिकों के जीवन, पर्यावरण और पेयजल के लिए गहरा संकट पैदा करने वाले अवैध खनन पर मात्र मायावती सरकार को गुनाहगार बताकर अखिलेश सरकार अपनी जबाबदेही से बच नहीं सकती है। वास्तव में इस सरकार के संरक्षण में चिकांरा जैसे सिडीकेटों द्वारा अवैध खनन बदस्तूर जारी है और जो अधिकारी इस अवैध खनन के खिलाफ कानूनसम्मत काम करने की कोशिश भी करते हैं तो उन्हें पदों से हटा दिया जाता है, उन पर लगातार हमले हो रहे। इसलिए सरकार को सर्वोच्च न्यायालय का सम्मान करना चाहिए और अपनी धोषणाओं पर अमल करते हुए अवैध खनन पर रोक लगानी चाहिए। उन्होनें सवाल उठाया कि आतंकवाद के नाम पर मुस्लिम नौजवानों को रिहा करने की बड़ी-बड़ी बातें करने वाली यह सरकार आज तक खालिद मुजाहिद की मौत और गिरफ्तारी पर दर्ज एफआईआर की विवेचना भी क्यों शुरू नहीं करा पायी। उन्होनें कहा कि सरकार को प्रदेश में साम्प्रदायिक ताकतों को मजबूत करने के लिए हिन्दु-मुस्लिम में वैमनस्य फैलाने की राजनीति से बाज आना चाहिए। उन्होनें कहा कि मात्र तीन तिकडम से कोई तीसरा मोर्चा नहीं बन सकता। प्रदेश के जो सवाल हम अपने उपवास के माध्यम से उठा रहे है वह समाजवादी पार्टी द्वारा किए गए वायदों के दायरे में ही है। उन्होनें सरकार से प्रदेश में किसान आयोग का गठन करने, किसानों के बकाएं का भुगतान करने, किसानों व बुनकरों के कर्ज माफ करने, लागत का पचास प्रतिशत जोड़कर न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने, तत्काल बिजली की बढ़ी दरें वापस लेने, मनरेगा में सौ दिन काम और 15 दिन में मजदूरी के भुगतान की गारंटी, वनाधिकार कानून के तहत आदिवासियों और परम्परागत वनाश्रित जातियों को पुश्तैनी जमीन पर मालिकाना अधिकार देने, उच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार बिजली विभाग में काम करने वाले संविदा मजदूरों को नियमिति करने, अति पिछड़े हिन्दू व पिछड़े मुसलमानों को अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण में अलग कोटा देने जैसे प्रदेश के ज्वंलत सवालों को जनहित में तत्काल हल करने के लिए कहा।
अखिलेन्द्र का मेडिकल बुलेटिन जारी करते हुए आइपीएफ के राष्ट्रीय प्रवक्ता व पूर्व आई.जी. एस. आर. दारापुरी ने बताया कि उनका स्वास्थ्य बेहद खराब हो रहा है। उनका वजन काफी कम हो गया है और उनके पेशाब में कीटोन और प्रोटीन का आना जारी है। उनका ब्लड़ प्रेशर और प्लस रेट भी सामान्य से ज्यादा है।
आज राष्ट्रीय ओलेमा कौंसिल के प्रदेश अध्यक्ष परवेज आफताब, सचिव लाल देवेन्द्र सिंह चैहान, राष्ट्रवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव व पूर्वमंत्री का0 कौशल किशोर, सीआईटीयू के प्रदेश महासचिव का0 प्रेमनाथ राय, सीपीएम के जिला सचिव का0 छोटेलाल पाल, सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया) के महामंत्री ओकांर सिंह, जोखू सिद्दकी, अजय राय, शम्भूनाथ कौशिक, राजेश सचान ने अखिलेन्द्र के उपवासस्थल पर आयोजित सभा को सम्बोधित किया। सभा का संचालन आइपीएफ के प्रदेश प्रवक्ता गुलाब चंद गोड़ ने किया।

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