आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट (आई पी एफ)
अन्य पिछड़े वर्ग के आरक्षण में पिछड़े मुसलमानों का कोटा अलग करो!
निमेष कमीशन की रिपोर्ट को विधानसभा के पटल पर रखो!
अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और सम्मान की गारंटी करो-अल्पसंख्यक आयोग का गठन करो!
50 घण्टे का उपवास
विधानसभा के सामने धरनास्थल, लखनऊ दिनांकः 17 सितम्बर से 19 सितम्बर 2013
मित्रों,
मुसलमानों के सामने आज सबसे बड़ा सवाल उनकी सुरक्षा का बना हुआ है। उनके सामाजिक न्याय का सवाल भी हल नहीं हुआ। पिछड़े मुसलमानों को आज तक सामाजिक न्याय का लाभ नही मिला, उनकी हिस्सेदारी और भागीदारी बेहद कम है। यही हाल अति पिछड़ों और आदिवासियों का भी है। इस सम्बंध में कुछ ठोस करने की जगह सरकार महज योजनाओं में मुसलमानों को 20 प्रतिशत हिस्सेदारी देने जैसी शिगूफेबाजी करने में लगी है। सरकार की इस किस्म की शिगूफेबाजियों से ही भाजपा और संघ को प्रदेश में साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण करने का मौका मिल रहा है। सच तो यह है कि सरकार यदि चाहती तो मात्र एक कैबिनेट बैठक के द्वारा अन्य पिछड़े वर्ग के आरक्षण में पिछड़े मुसलमानों का कोटा अलग कर सकती थी। जस्टिस आर.डी. निमेष कमीशन की रिपोर्ट को भी सरकार ने विधानसभा के पटल पर नहीं रखा, जबकि आतंकवाद के नाम पर ढेर सारे मुस्लिम नौजवान आज भी जेलों में बंद है। सरकार यदि वास्तव में ईमानदार होती तो इन नौजवानों के मुकदमों के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाती और जो निर्दोष होतें उनकी रिहाई और पुर्नवास की व्यवस्था करती। साथ ही ऐसे सभी मामलों की न्यायिक जांच कराती जिससे मुसलमानों को राहत मिलती, उनमें सुरक्षा की भावना आती और लोग भी यह देख लेते कि कौन गुनाहगार है, कौन नहीं।
मित्रों,
प्रदेश में कानून के राज की स्थापना के लिए इन्हीं सवालों को लेकर आइपीएफ के राष्ट्रीय संयोजक का0 अखिलेन्द्र प्रताप सिंह ने जून माह में विधानसभा के सम्मुख दस दिन तक अनशन किया था। जिसे सीपीएम, सीपीआई, राष्ट्रीय ओलेमा कौसिंल समेत तमाम वाम-जनवादी दलों और संगठनों ने समर्थन दिया था। बाबजूद इसके अखिलेश सरकार ने इन सवालों को हल नहीं किया। प्रदेश में आज तक न तो पिछड़े मुसलमानों को सामाजिक न्याय मिला, न किसान आयोग का गठन किया गया और न ही अवैध खनन पर रोक ही लगी, अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की बात कौन करें प्रदेश में अल्पसंख्यक आयोग का गठन तक नहीं किया गया।
मित्रों,
ऐसी स्थिति में अन्य पिछड़े वर्ग के आरक्षण में पिछड़े मुसलमानों का कोटा अलग करने, जस्टिस आर.डी. निमेष कमीशन की रिपोर्ट को विधानसभा के पटल पर रखने, अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और सम्मान की गारंटी करने और अल्पसंख्यक आयोग का गठन करने की मांगों को लेकर आल इण्डिया पीपुल्स फ्रंट (आइपीएफ) के सामाजिक न्याय मंच द्वारा 17 सितम्बर से 19 सितम्बर तक विधानसभा के सामने 50 घण्टे का उपवास किया जा रहा है, जिसके समापन के अवसर पर आमसभा की जायेगी। इस उपवास कार्यक्रम में वाम-जनवादी राजनीतिक ताकतें और सामाजिक न्याय आंदोलन के विभिन्न संगठन शिरकत करेंगे। आपसे अपील है कि आप इस कार्यक्रम में शामिल हों, हर सम्भव सहयोग करें और अपनी इस लड़ाई को मजबूती प्रदान करें।
निवेदक
सामाजिक न्याय मंच
आल इण्डिया पीपुल्स फ्रंट (आइपीएफ) उ0 प्र0
सम्पर्क पता: 4, माल एवेन्यू, निकट सत्संग भवन, लखनऊ मो0 नं0-9450153307
अन्य पिछड़े वर्ग के आरक्षण में पिछड़े मुसलमानों का कोटा अलग करो!
निमेष कमीशन की रिपोर्ट को विधानसभा के पटल पर रखो!
अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और सम्मान की गारंटी करो-अल्पसंख्यक आयोग का गठन करो!
50 घण्टे का उपवास
विधानसभा के सामने धरनास्थल, लखनऊ दिनांकः 17 सितम्बर से 19 सितम्बर 2013
मित्रों,
मुसलमानों के सामने आज सबसे बड़ा सवाल उनकी सुरक्षा का बना हुआ है। उनके सामाजिक न्याय का सवाल भी हल नहीं हुआ। पिछड़े मुसलमानों को आज तक सामाजिक न्याय का लाभ नही मिला, उनकी हिस्सेदारी और भागीदारी बेहद कम है। यही हाल अति पिछड़ों और आदिवासियों का भी है। इस सम्बंध में कुछ ठोस करने की जगह सरकार महज योजनाओं में मुसलमानों को 20 प्रतिशत हिस्सेदारी देने जैसी शिगूफेबाजी करने में लगी है। सरकार की इस किस्म की शिगूफेबाजियों से ही भाजपा और संघ को प्रदेश में साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण करने का मौका मिल रहा है। सच तो यह है कि सरकार यदि चाहती तो मात्र एक कैबिनेट बैठक के द्वारा अन्य पिछड़े वर्ग के आरक्षण में पिछड़े मुसलमानों का कोटा अलग कर सकती थी। जस्टिस आर.डी. निमेष कमीशन की रिपोर्ट को भी सरकार ने विधानसभा के पटल पर नहीं रखा, जबकि आतंकवाद के नाम पर ढेर सारे मुस्लिम नौजवान आज भी जेलों में बंद है। सरकार यदि वास्तव में ईमानदार होती तो इन नौजवानों के मुकदमों के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाती और जो निर्दोष होतें उनकी रिहाई और पुर्नवास की व्यवस्था करती। साथ ही ऐसे सभी मामलों की न्यायिक जांच कराती जिससे मुसलमानों को राहत मिलती, उनमें सुरक्षा की भावना आती और लोग भी यह देख लेते कि कौन गुनाहगार है, कौन नहीं।
मित्रों,
प्रदेश में कानून के राज की स्थापना के लिए इन्हीं सवालों को लेकर आइपीएफ के राष्ट्रीय संयोजक का0 अखिलेन्द्र प्रताप सिंह ने जून माह में विधानसभा के सम्मुख दस दिन तक अनशन किया था। जिसे सीपीएम, सीपीआई, राष्ट्रीय ओलेमा कौसिंल समेत तमाम वाम-जनवादी दलों और संगठनों ने समर्थन दिया था। बाबजूद इसके अखिलेश सरकार ने इन सवालों को हल नहीं किया। प्रदेश में आज तक न तो पिछड़े मुसलमानों को सामाजिक न्याय मिला, न किसान आयोग का गठन किया गया और न ही अवैध खनन पर रोक ही लगी, अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की बात कौन करें प्रदेश में अल्पसंख्यक आयोग का गठन तक नहीं किया गया।
मित्रों,
ऐसी स्थिति में अन्य पिछड़े वर्ग के आरक्षण में पिछड़े मुसलमानों का कोटा अलग करने, जस्टिस आर.डी. निमेष कमीशन की रिपोर्ट को विधानसभा के पटल पर रखने, अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और सम्मान की गारंटी करने और अल्पसंख्यक आयोग का गठन करने की मांगों को लेकर आल इण्डिया पीपुल्स फ्रंट (आइपीएफ) के सामाजिक न्याय मंच द्वारा 17 सितम्बर से 19 सितम्बर तक विधानसभा के सामने 50 घण्टे का उपवास किया जा रहा है, जिसके समापन के अवसर पर आमसभा की जायेगी। इस उपवास कार्यक्रम में वाम-जनवादी राजनीतिक ताकतें और सामाजिक न्याय आंदोलन के विभिन्न संगठन शिरकत करेंगे। आपसे अपील है कि आप इस कार्यक्रम में शामिल हों, हर सम्भव सहयोग करें और अपनी इस लड़ाई को मजबूती प्रदान करें।
निवेदक
सामाजिक न्याय मंच
आल इण्डिया पीपुल्स फ्रंट (आइपीएफ) उ0 प्र0
सम्पर्क पता: 4, माल एवेन्यू, निकट सत्संग भवन, लखनऊ मो0 नं0-9450153307
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