Tuesday, 10 September 2013

दो दिवसीय विशाल धरना


अखिलेश राज में मुजफ्फरनगर ही नहीं अब तक हुए सभी दंगों की न्यायिक जांच कराओं!
अन्य पिछड़े वर्ग के आरक्षण में पिछड़े मुसलमानों का कोटा अलग करो!
निमेष कमीशन की रिपोर्ट को विधानसभा में पेश करों -दोषियों को सजा दों!
अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और सम्मान की गारंटी करो-अल्पसंख्यक आयोग का गठन करो!
                       

विधानसभा के सामने धरनास्थल, लखनऊ              दिनांकः 18 सितम्बर से 19 सितम्बर 2013

साथियो,
 यह दुखद है लेकिन सच है कि मुजफ्फरनगर में हुए दंगें में गुजरात जैसा मंजर दिख रहा है। अभी तक प्राप्त खबरों के अनुसार लोग अपने गांवों को छोड़कर जान बचाने के लिए इधर उधर भाग रहे है और जिन जगहों पर वह शरण लिए है वहां भी वह असुरक्षित महसूस कर रहे है और उन्हें सरकार की तरफ से कोई खास सुविधा भी नहीं मिल पा रही है। घरने के माध्यम से हम सरकार से पुरजोर यह मांग करते है कि राजनीतिक दलों से जुड़े दंगाई जनप्रतिनिधियों को कड़ी सजा मिले और मुजफ्फरनगर में स्थिति को सामान्य बनाया जाए साथ ही प्रदेश के अन्य हिस्सों में दंगाई माहौल बनाने वाले लोगों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए।
साथियो,
        हमारी यह बराबर मांग रही है कि मुसलमानों को सरकारी मशीनरी में उचित प्रतिनिधित्व मिलें उनके हिस्सेदारी और भागेदारी को बढ़ाया जाए। रंगनाथ कमीशन तक ने पिछड़े मुसलमानों का कोटा अन्य पिछड़े वर्ग से अलग करने की सिफारिश की लेकिन अभी तक मुसलमानों के हित की लफ्फाजी करने वाली सरकार ने अन्य पिछड़े वर्ग के आरक्षण में पिछड़े मुसलमानों का कोटा अलग नहीं किया जबकि अखिलेश सरकार महज कैबिनेट की बैठक द्वारा निर्णय करके इसकी कभी भी धोषणा कर सकती थी। सभी लोग जानते है कि जस्टिस आर.डी. निमेष कमीशन की रपट को भी सरकार ने विधानसभा में पेश कर दिया होता और निर्दोष लोगों को रिहा कर दिया होता तो खालिद मुजाहिद की मौत न होती। लोकतांत्रिक ताकतें लगातार यह कहती रही कि आतंकवाद के नाम जितने लोग गिरफ्तार किए गए है उनके लिए विशेष न्यायालयों का गठन करके उनके मुकदमों का शीघ्र निस्तारण किया जाए। गौरतलब हो कि ऐसी ही ढेर सारी मांगों को लेकर आइपीएफ के राष्ट्रीय संयोजक का0 अखिलेन्द्र प्रताप सिंह ने जून माह में विधानसभा के सम्मुख दस दिन तक अनशन किया था। लेकिन सरकार ने आज तक उन पर ध्यान नहीं दिया। यदि दंगाईयों पर सरकार ने सख्ती बरती होती तो मुजफ्फरनगर की घटना ही नहीं होती।
साथियो,
      ऐसी स्थिति में घरने के माध्यम से हम सरकार से पुनः मांग करते है कि हर हाल में मुसलमानों के जानमाल की रक्षा की जाए, मुजफ्फरनगर ही नहीं अब तक हुए सभी दंगों की न्यायिक जांच करायी जाए, अन्य पिछड़े वर्ग के आरक्षण में पिछड़े मुसलमानों का कोटा अलग किया जाए, निमेष कमीशन की रिपोर्ट को विधानसभा में पेश कर दोषियों को सजा दी जाए और प्रदेश में अल्पसंख्यक आयोग का गठन किया जाए। हम आपसे अपील करेंगे कि आप इस घरने में शामिल हों, हर सम्भव सहयोग करें और अपनी इस लड़ाई को मजबूती प्रदान करें।                                     
                                     निवेदक

सामाजिक न्याय मंच
आल इण्डिया पीपुल्स फ्रंट (आइपीएफ) उ0 प्र0
सम्पर्क पता: 4, माल एवेन्यू, निकट सत्संग भवन, लखनऊ मो0 नं0-9450153307




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