Sunday, 1 September 2013

आल इण्डिया पीपुल्स फ्रंट (रेडिकल) का संविधान

                आल इण्डिया पीपुल्स फ्रंट (रेडिकल)  का संविधान

(1) संगठन का नाम आल इण्डिया पीपुल्स फ्रंट (रेडिकल), संक्षेप में आइपीएफ(आर)  होगा।
(2) आल इण्डिया पीपुल्स फ्रंट (रेडिकल) के झंडे में लाल, पीला, हरा तीन समस्तर के रंग समाविष्ट होंगे। झंडे का आकार 3: 2 की लम्बाई चैड़ाई के अनुपात के साथ आयाताकार होगा।   
      (3) आल इण्डिया पीपुल्स फ्रंट (रेडिकल) का उद्देश्य -  आल इण्डिया पीपुल्स फ्रंट (रेडिकल) भारत में जनवाद के लिए लड़ने वालों का व्यापकतम संभव अर्थो में, जन राजनीतिक प्लेटफार्म है। आल इण्डिया पीपुल्स फ्रंट (रेडिकल) - नव उदारवादी अर्थव्यवस्था के विरूद्ध आत्मनिर्भर राष्ट्रीय अर्थनीति के लिए, साम्प्रदायिक फासीवाद के विरूद्ध लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता के लिए, प्रभुता के खिलाफ समानता के लिए, विकास के औपनिवेशिक रास्ते तथा पर्यावरण विनाश के खिलाफ पर्यावरण अनुकूलन व जनोन्मुखी विकास के लिए, पुरूष प्रभुसत्ता एवं पितृसत्तात्मक दबदबे के खिलाफ नारी मुक्ति के लिए, मानवाधिकारों के हनन के खिलाफ नागरिक आजादी की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। यह आक्रामक राष्ट्रीय युद्धोन्माद तथा प्रभुत्ववाद के खिलाफ समस्त जनता के जनवादी बन्धुत्व एवं शांति के समर्थन हेतु वचनबद्ध है। आल इण्डिया पीपुल्स फ्रंट (रेडिकल) औपनिवेशिक मूल्यों तथा साम्राज्यवादी धुसपैठ के खिलाफ देशभक्ति तथा राष्ट्रवादी भावना को प्रेरित करता है। यह राजनैतिक, सामाजिक, तथा सांस्कृतिक उत्पीड़न के खिलाफ भाषाई, क्षेत्रीय, जातीय, लंैगिक व धार्मिक अल्पसंख्यकों तथा दलित अधिकारों एवं आकांक्षाओं को बुलंद करता है। सारतः फ्रंट राज्य और समाज के सम्पूर्ण जनवादीकरण के लिए काम करेगा। यह अपनी विचारधारात्मक प्रेरणा सभी किस्म की प्रगतिशील विचारधाराओं और कार्यक्रमों से लेती है और इसकी मार्गनिर्देशक दिशा ‘रेडिकल जनवाद‘ है।
      (4) कार्यप्रणाली और कार्यक्षेत्र - आल इण्डिया पीपुल्स फ्रंट (रेडिकल) में शामिल होने वाला कोई संगठन या व्यक्ति अपनी पहचान बनाये रखने के लिए स्वतंत्र होगा तथा पूर्ण स्वायत्ता का उपभोग करेगा। अपनी बनावट, ढांचे और दर्शन के मद्देनजर आल इण्डिया पीपुल्स फ्रंट (रेडिकल) जहां तक सम्भव होगा, सर्वसम्मति से काम करेगी तथा आपसी विचार- विमर्श के आधार पर फैसले लेगा।
         फ्रंट का कार्यक्षेत्र पूरे भारत में होगा और यह राष्ट्रीय, राज्य, जिला और स्थानीय स्तर पर अपना सांेगठनिक ढ़ाचा खड़ा करेगा।
(5) सदस्यता - कोई भी वयस्क भारतीय नागरिक जो फ्रंट के कार्यक्रम व संविधान से सहमत है, फ्रंट का सदस्य बन सकता है। घटक संगठनों की सदस्यता को भी आल इण्डिया पीपुल्स फ्रंट (रेडिकल) की सदस्यता माना जायेगा। 
(6) राष्ट्रीय अधिवेशन- पांच वर्ष में एक बार फ्रंट का राष्ट्रीय अधिवेशन होगा। वर्किंग कमेटी जरूरत के अनुरूप इस अवधि में अखिल भारतीय फ्रंट कमेटी की सहमति से परिवर्तन कर सकती है। सभी प्रदेश कमेटियों के सदस्य, जिला कमेटियों के अध्यक्ष व महासचिव तथा ब्लाक कमेटियों के अध्यक्ष राष्ट्रीय अधिवेशन के प्रतिनिधि होगें। अध्यक्ष केन्द्रीय वर्किंग कमेटी का सलाह से राष्ट्रीय अधिवेशन के प्रतिनिधियों को मनोनीत कर सकता है। राष्ट्रीय अधिवेशन द्वारा राष्ट्रीय अध्यक्ष और अखिल भारतीय फ्रंट कमेटी का चुनाव होगा।
(7) संगठन चुनाव की पद्धतिः
 (क) अखिल भारतीय फ्रंट कमेटी:
 (ं) राष्ट्रीय अधिवेशनों के बीच की अवधि में अखिल भारतीय फ्रंट कमेटी संगठन का सर्वोच्च निकाय होगी। अखिल भारतीय फ्रंट कमेटी का चुनाव राष्ट्रीय अधिवेशन द्वारा होगा। इसका कार्यकाल पांच वर्ष का होगा।
 (इ) अखिल भारतीय फ्रंट कमेटी का चुनाव: अखिल भारतीय फ्रंट कमेटी की तरफ से राष्ट्रीय अधिवेशन में नयी अखिल भारतीय फ्रंट कमेटी के सदस्यों का एक पैनल पेश किया जायेगा।
 (ब) पैनल में प्रस्तावित नामों के अलावा नए नामों का प्रस्ताव राष्ट्रीय अधिवेशन में उपस्थित प्रतिनिधियों द्वारा किया जा सकता है। ऐसे प्रस्तावों में सम्बंधित उम्मीदवार की सहमति होनी चाहिए।
 (क) प्रस्तावित सभी नामों को गुप्त मतदान के लिए सदन में पेश किया जायेगा और मतदान के जरिए अखिल भारतीय फ्रंट कमेटी का चुनाव होगा।
(8) केन्द्रीय वर्किंग कमेटी - आल इण्डिया पीपुल्स फ्रंट (रेडिकल) के केन्द्रीय कार्यभार को केन्द्रीय वर्किंग कमेटी द्वारा संचालित किया जायेगा।
   केन्द्रीय वर्किंग कमेटी (ब्ण्ॅण्ब्ण्) का चुनाव अखिल भारतीय फ्रंट कमेटी करेगी। केन्द्रीय वर्किंग कमेटी (ब्ण्ॅण्ब्ण्) पार्टी की नीतियों तथा कार्यक्रम को लागू करने वाला सर्वोच्च प्राधिकार सम्पन्न निकाय होगी। यह अखिल भारतीय फ्रंट कमेटी के प्रति जबाबदेह होगी। वर्किंग कमेटी के निर्णयों के अनुरूप सामान्यतया निचली इकाइयां काम करेगी और किसी मतभेद की स्थिति में सलाहकार परिषद के निर्देशन के अनुसार निर्णय लिया जायेगा।
(9) राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनावः फ्रंट के राष्ट्रीय अधिवेशन की निर्धारित तिथि से एक माह पूर्व केन्द्रीय वर्किंग कमेटी की बैठक द्वारा राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए निर्वाचन अधिकारी के नाम और चुनाव कार्यक्रम की धोषणा की जायेगी। इस कार्यक्रम के अनुरूप राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के प्रत्याशी दस प्रस्तावकों के हस्ताक्षरयुक्त नामांकन पत्र निर्वाचन अधिकारी के सम्मुख प्रस्तुत करेगें। राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव राष्ट्रीय अधिवेशन के प्रतिनिधियों द्वारा राष्ट्रीय अधिवेशन में किया जायेगा। राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्रीय बैठकों की अध्यक्षता करेगा। राष्ट्रीय राजनीतिक कार्यभार को सम्पादित करने, समान विचारधारा वाली राजनीतिक शक्तियों के समायोजन के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्रीय संयोजक का चुनाव कर सकता है और वह भी पदेन वर्किंग कमेटी का सदस्य होगा।
  अन्य पदाधिकारी
(ं) उपाध्यक्षः केन्द्रीय वर्किंग कमेटी उपाध्यक्षों का चुनाव करेगी। अध्यक्ष वरिष्ठ उपाध्यक्ष को नामित करेगा। अध्यक्ष की अनुपस्थिति में वरिष्ठ उपाध्यक्ष बैठक की अध्यक्षता करेगा।
(इ) महासचिव: महासचिवों समेत सचिवों का चयन केन्द्रीय वर्किंग कमेटी की बैठक में होगा। सागंठनिक महासचिव का चयन अध्यक्ष करेगा और वह प्रधान महासचिव होगा। सागंठनिक महासचिव बैठकों को बुलायेगा व संचालित करेगा। 
(ब) कार्यालय सचिव का चयन अध्यक्ष करेगा जो कार्यालय सम्बंधी कार्य सम्पादित करेगा।
(क) कोषाध्यक्ष का चयन केन्द्रीय वर्किंग कमेटी करेगी, पार्टी के आय-व्यय का हिसाब रखेगा व आर्थिक मामलों को संचालित करेगा।
(10) सलाहकार परिषद् - अध्यक्ष केन्द्रीय वर्किंग कमेटी से राय लेकर सलाहकारों की  सलाहकार परिषद का गठन करेगा। सलाहकार परिषद के सुझावों को निर्देशन के रूप में कमेटियां लेगी।
(11) प्रान्तीय कमेटी/जिला/ब्लाक/प्राथमिक स्तर की इकाइयां
(ं) प्रान्तीय फ्रंट कमेटी- प्रान्तीय फ्रंट कमेटी में सम्बंधित राज्य के अखिल भारतीय फ्रंट कमेटी सदस्य, जिला फ्रंट कमेटियों, ब्लाक फ्रंट कमेटियों व ग्राम/वार्ड फ्रंट कमेटियों से निश्चित संख्या में चुने प्रतिनिधि, जिला फ्रंट कमेंटियों के अध्यक्ष होगें। प्रान्तीय फ्रंट कमेटी अध्यक्ष व अन्य पदाधिकारियों तथा प्रान्तीय वर्किंग कमेटी का चुनाव करेगी। प्रान्तीय फ्रंट कमेटी का कार्यकाल पांच वर्ष का होगा। 
(इ) जिला फ्रंट कमेटी - सम्बंधित जिले के प्रान्तीय फ्रंट कमेटी के सदस्य, ब्लाक फ्रंट कमेटियों तथा ग्राम/वार्ड फ्रंट कमेटियों के सदस्यों के बीच से निश्चित संख्या में चुने हुए प्रतिनिधि तथा उनके अध्यक्ष को लेकर जिला फ्रंट कमेटी का गठन होगा। जिला फ्रंट कमेटी अध्यक्ष व अन्य पदाधिकारियों तथा जिला वर्किंग कमेटी का चुनाव करेगी। जिला फ्रंट कमेटी का कार्यकाल तीन वर्ष का होगा। 
(ब) ब्लाक फ्रंट कमेटी - सम्बंधित ब्लाक के उच्चतर कमेटी के सदस्य, ग्राम फ्रंट कमेटियों के अध्यक्ष तथा निश्चित संख्या में उनसे चुने हुए प्रतिनिधियों को लेकर ब्लाक फ्रंट कमेटी का गठन होगा। ब्लाक फ्रंट कमेटी अध्यक्ष व अन्य पदाधिकारियों तथा ब्लाक वर्किंग कमेटी का चुनाव करेगी। ब्लाक फ्रंट कमेटी का कार्यकाल दो वर्ष का होगा। 
(क) प्राथमिक फ्रंट कमेटी - यह फ्रंट की बुनियादी इकाई है, जिसका चुनाव ग्रामसभा/वार्ड स्तर पर फ्रंट के सभी सदस्यों की बैठक द्वारा किया जायेगा और कमेटी अध्यक्ष व अन्य पदाधिकारियों चुनाव करेगा। प्राथमिक फ्रंट कमेटी का कार्यकाल एक वर्ष का होगा। 
(12) विशेष प्रावधान - सभी फ्रंट कमेटियों के सदस्यों तथा पदाधिकारियों में महिला, दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक एवं अति पिछड़े समुदाय से निश्चित संख्या में (जिसे केन्द्रीय वर्किंग कमेटी तय करेगी) प्रतिनिधि अवश्य होगें। इस हेतु सम्बंधित कमेटियों के अध्यक्ष के पास मनोनयन का अधिकार होगा।
         (13) संविधान संशोधन- केन्द्रीय वर्किंग कमेटी बहुमत से संविधान में संशोधन करेगी। जिसका अनुमोदन अखिल भारतीय फ्रंट कमेटी से कराया जायेगा।
      (14) संवैधानिक प्रावधान- आल इण्डिया पीपुल्स फ्रंट (रेडिकल) विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति तथा समाजवाद, पंथनिरपेक्षता और लोकतंत्र के सिद्धांतों के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखेगा तथा भारत की प्रभुता, एकता व अखंडता को अक्षुण्ण रखेगा।
      (15) अनुशासनात्मक कार्यवाही: फ्रंट के हितों के विरूद्द कार्य करने वाले सदस्यों के विरूद्द सम्बंधित फ्रंट कमेटी अनुशासनात्मक कार्यवाही करेगी, जिसके तहत उसे चेतावनी देना, निलम्बित करना व निष्कासित करना शामिल है। लेकिन अनुशासनात्मक कार्यवाही के हर निर्णय का अनुमोदन उच्चतर कमेटी से करना अनिवार्य है। समाज विरोधी गतिविधियों में लगे किसी भी सदस्य को निष्कासित करने का अधिकार सम्बंधित फ्रंट कमेटी के अध्यक्ष के पास रहेगा पर अपने इस निर्णय का अनुमोदन उसे सम्बंधित फ्रंट कमेटी से कराना होगा। आपात स्थितियों में राष्ट्रीय अध्यक्ष किसी कमेटी को भंग कर सकता है या किसी सदस्य व पदाधिकारी के विरूद्द अनुशासनात्मक कार्यवाही कर सकता है, पर उसे इस निर्णय का अनुमोदन केन्द्रीय वर्किंग कमेटी से कराना होगा। किसी कमेटी के अनुशासनात्मक कार्रवाई के विरूद्ध सलाहकार परिषद् के समक्ष अपील करने का अधिकार सदस्य को होगा और सलाहकार परिषद् का निर्णय मान्य होगा।
      (16)विलय व विघटन: विलय व विघटन का निर्णय केन्द्रीय वर्किंग कमेटी के 2/3 बहुमत के आधार पर होगा, जिसका अनुमोदन अखिल भारतीय फ्रंट कमेटी से कराया जायेगा।
       (17) वित्तीय प्रावधान: फ्रंट प्रत्येक वित्तीय वर्ष की समाप्ति के 60 दिनों के भीतर आयोग को वार्षिक वित्तीय विवरण प्रस्तुत करेगा। पार्टी का लेखा परीक्षण ब्।ळ में मउचंदमससमक आडिटर से कराया जायेगा। आल इण्डिया पीपुल्स फ्रंट (रेडिकल) का फंड राजनीतिक कार्यों के लिए ही इस्तेमाल किया जायेगा। आल इण्डिया पीपुल्स फ्रंट (रेडिकल)  अपने वित्तीय लेखों के रख-रखाव में आयोग द्वारा समय-समय पर जारी अनुदेशों का पालन करेगी।


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