Monday 19 August 2013

वनाधिकार कानून के तहत लेना है मालिकाना अधिकार-अखिलेन्द्र

आल इण्डिया पीपुल्स फ्रंट (आइपीएफ)

वनाधिकार कानून के तहत लेना है मालिकाना अधिकार-अखिलेन्द्र
उच्च न्यायालय के आदेश का अनुपालन करें सरकार

 आइपीएफ के धरने का हुआ समापन, चलायेंगे भूमि अधिकार अभियान
सोनभद्र, 19 अगस्त 2013, वनाधिकार कानून के अनुपालन में सरकार और प्रशासन ने मनमानी की है और अविधिक प्रक्रिया अपनाते हुए जनपद में दाखिल 65 हजार में से 53 हजार दावे खारिज कर दिए इसके खिलाफ आइपीएफ ने माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में जनहित याचिका दाखिल की। जिसमें निर्णय देते हुए माननीय मुख्य न्यायाधीश की खण्ड़पीठ ने इस अधिनियम के तहत खारिज किए गए दावों पर पुर्नविचार का आदेश दिया है। अब सरकार और प्रशासन को उच्च न्यायालय के आदेश का सम्मान करना चाहिए और आदिवासियों व वनाश्रित जातियों को उनकी पुश्तैनी जमीन पर मालिकाना अधिकार देना चाहिए। यह बातें आज राबर्ट्सगंज तहसील परिसर में 34 दिनों से जारी घरने के समापन के अवसर पर आयोजित आमसभा में आइपीएफ के राष्ट्रीय संयोजक अखिलेन्द्र प्रताप सिंह ने कहीं।
उन्होंने सोनभद्र, मिर्जापुर व नौगढ़ के आदिवासी बहुल इलाके में भूमि अधिकार अभियान की घोषणा करते हुए कहा कि वनाधिकार कानून किसी ने भीख में नहीं दिया है बल्कि पूरे देश में चले लम्बे आंदोलन की बदौलत हासिल हुआ है। इस इलाके में वनभूमि पर हुए विवादों के कारण ही सामाजिक तनाव पैदा हुआ था। सरकार को एक बार फिर मौका मिला था कि यहां आदिवासियों और वनाश्रित जातियों को उनकी पुश्तैनी जमीन पर मालिकाना अधिकार दे देती। लेकिन यहां तो वन विभाग के अधिकारी और प्रशासनिक अमले ने कागजों में हेरा फेरी कर दावों को ही खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि यह यहां के सासंद और विधायक की जबाबदेही थी कि वह इस कानून को लागू करवाते और गरीबों का अधिकार दिलाते। उन्होंने जनता का आवहान किया कि यदि इस इलाके के आदिवासी व वनाश्रित जातियों जिंदा रहना है तो उन्हें हर हाल में जमीन पर अधिकार लेना है।
उन्होंने कहा कि आजादी के साठ साल बाद भी आदिवासियों के साथ अन्याय जारी है उ0 प्र0 में कोल, धागंर जैसी आदिवासी जातियों को आदिवासी का दर्जा नहीं मिला और जिन गोड़, खरवार जैसी आदिवासी जातियों को दर्जा दिया भी गया, माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाबजूद उनके लिए चुनाव में अभी तक सीटें आरक्षित नहीं की गयी है। वनाधिकार कानून के लाभ से यदि उन्हें वंचित रखा गया, उनके साथ धोर अन्याय होगा। इसलिए उन्होंने इस सरकार से इस कानून के क्रियान्वन में विधिक प्रक्रिया अपनाने की मांग की।
सभा की अध्यक्षता मोहम्मद हनीफ ने और संचालन आइपीएफ संगठन प्रभारी शम्भूनाथ कौशिक ने किया। सभा को प्रदेश संगठन प्रभारी दिनकर कपूर, प्रमोद चैबे, सुरेन्द्र पाल, रमेश खरवार, रामदेव गोड़, श्रीकांत सिंह, अनंत बैगा, श्यामाचरण कोल, मोहन प्रसाद, सुनील कुमार, मणिशंकर पाठक, मुन्नु अंसारी, मोहम्मद अकबर, छोटेलाल बैगा, महेन्द्र प्रताप सिंह, राजेन्द्र गोंड़, इंद्रदेव खरवार, देवकुमार विश्वकर्मा, मनाज भारती आदि ने सम्बोधित किया।
(शम्भूनाथ कौशिक)
संगठन प्रभारी
आल इण्डिया पीपुल्स फ्रंट (आइपीएफ)।

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